इंदौर,कोविड केयर सेंटर में इलाज करवा रही 68 वर्षीय महिला की प्लाज्मा थेरेपी दिए जाने के चार दिन बाद मौत हो गई है। संभवत: प्लाज्मा थेरेपी के बाद कोविड संक्रमित के मरने का यह पहला मामला सामने आया है। कोरोना वायरस के रोगियों के उपचार में जुटे डॉक्टर जहां प्लाज्मा थेरेपी को एक वरदान बता रहे हैं। वहीं इंदौर के एक कोविड केयर सेंटर में इलाज करवा रही 68 वर्षीय महिला की प्लाज्मा थेरेपी दिए जाने के चार दिन बाद मौत हो गई है। संभवत: प्लाज्मा थेरेपी के बाद कोविड संक्रमित के मरने का यह पहला मामला सामने आया है।
जानकारी के मुताबिक, परदेशीपुरा निवासी महिला को कोरोना के संदेह के आधार पर 10 जुलाई को अरबिंदो अस्पताल में भर्ती किया गया था। सांस लेने में कठिनाई के चलते इस महिला का 9 दिन तक उपचार किया गया। परिजनों का दावा है कि हालत बिगड़ने पर 19 जुलाई को इसे प्लाज्मा थेरेपी दी गई। जिसके चार दिन बाद 24 जुलाई को उन्होने दम तोड़ दिया। बताया गया है कि प्लाज्मा थेरपी देने के बाद महिला को आईसीयू से शिफ्ट कर जनरल वार्ड में लाया गया था, लेकिन अचानक महिला की तबीयत बिगड़ी और उनकी मौत हो गई। इससे प्लाज्मा थेरेपी की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
जब महिला को प्लाज्मा थेरेपी देने की बात सामने आई, तो उनसे 17 हजार रुपए फीस के तौर पर वसूले गए हैं। क्लीनिक में दिखाने के बाद मरीज उसी की चॉइस पर ही अरबिंदो अस्पताल में भर्ती किया गया था। वहीं डॉ अमित मालाकार ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी एक विकल्प है, निजी अस्पतालों को प्लाज्मा थेरेपी के एवज में फीस लेने का अधिकार है।